21 August 2025

1 जुलाई, 2026 तक प्रदेश में चल रहे सभी मदरसों को लेनी होगी उत्तराखंड शिक्षा बोर्ड से संबद्धता  

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1 जुलाई, 2026 तक प्रदेश में चल रहे सभी मदरसों को लेनी होगी उत्तराखंड शिक्षा बोर्ड से संबद्धता

 

 

 

विधान सभा में पेश हुआ उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक, 2025
कल होगा विधान सभा में फ़ैसला।
उत्तराखंड मदरसा बोर्ड की जगह ले लेगा उत्तराखंड राज्य अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण। हरीश रावत की कांग्रेस सरकार 2016 में लेकर आई थी उत्तराखंड मदरसा बोर्ड अधिनियम

1 जुलाई, 2026 तक प्रदेश में चल रहे सभी मदरसों को लेनी होगी उत्तराखंड शिक्षा बोर्ड से संबद्धता और फिर अल्पसंख्यक दर्जा प्राप्त करने के लिए करना होगा आवेदन उत्तराखंड राज्य अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण में।
शर्तें पूरी होने की दशा में ही मिल पायेगा अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान का दर्जा

 

भराङीसैण (गैरसैण) में आयोजित विधानसभा सत्र में प्रस्तुत किये गये अनुपूरक बजट के संबंध में मीडिया से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 5315 करोड़ रुपये का यह अनुपूरक बजट प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र को आत्मसात करते हुए तैयार किया गया है। यह बजट केवल आंकड़ों का दस्तावेज़ नहीं, बल्कि सतत विकास, समावेशी विकास, नवाचार और आर्थिक सुदृढ़ता की दिशा में हमारा संकल्प है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा फोकस राज्य की मानव पूंजी में निवेश और हर वर्ग के समावेशी विकास पर है। किसानों, श्रमिकों, गरीबों, महिलाओं, युवाओं, सुरक्षा बलों और पत्रकारों सहित सभी वर्गों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए यह बजट तैयार किया गया है।

राज्य में विद्युत टैरिफ सब्सिडी, स्वास्थ्य योजनाओं, प्रधानमंत्री आवास योजना, पुलिसकर्मियों के आवास, तीमारदारों के विश्राम गृह तथा शहीद व पत्रकार कल्याण कोष के लिए समुचित प्रावधान किए गए हैं।

हमारी सरकार ने आपदा न्यूनीकरण और पर्यावरणीय संतुलन को भी प्राथमिकता दी है, ताकि ‘इकोलॉजी’ और ‘इकोनॉमी’ के बीच संतुलन बना रहे। भू-धसाव, भूकंप जोखिम, स्प्रिंग मैपिंग, और आपदा राहत हेतु प्रभावी बजटीय प्रावधान किए गए हैं।

बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में रिस्पना-बिन्दाल एलिवेटेड रोड, पंतनगर एयरपोर्ट विस्तार, कुंभ मेला अवसंरचना, तथा पर्यटन विकास को भी विशेष महत्व दिया गया है।

हम ऋषिकेश को योग नगरी और हरिद्वार को आध्यात्मिक पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने को प्रतिबद्ध हैं। साथ ही, नन्दा राजजात यात्रा और शारदा रिवर फ्रंट जैसे सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों को भी सशक्त किया जा रहा है।

यह अनुपूरक बजट नए उत्तराखण्ड की दिशा में एक और मजबूत कदम है। मैं राज्य की जनता से आह्वान करता हूं कि इस विकास यात्रा में हमारा साथ दें।”

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