22 August 2025

थूक जेहाद की घटनाओं से न केवल खाद्य पदार्थ दूषित होते हैं अपितु भावनाएँ भी आहत होती हैं। इस तरह की घटनाओं पर हम कठोर कार्यवाही करेंगे:धामी

0

मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर खाद्य पदार्थों में थूकने की घटनाओं के विरुद्ध होगी सख्त कार्यवाही

 

 

 

थूक जेहाद नहीं चलेगा: इस तरह के किसी दुष्कृत्य के लिए उत्तराखंड में कोई स्थान नहीं है:धामी

 

 

थूक जेहाद पर मुख्यमंत्री धामी का प्रहार : यदि कोई इस तरह की हरकतें करते हुए पाया जाएगा तो उसके ख़िलाफ़ कठोर कार्यवाही की जायेगी :धामी

 

 

थूक जेहाद की घटनाओं से न केवल खाद्य पदार्थ दूषित होते हैं अपितु भावनाएँ भी आहत होती हैं। इस तरह की घटनाओं पर हम कठोर कार्यवाही करेंगे:धामी

 

 

 

सेवा में,

 

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, समस्त जनपद/रेलवेज, उत्तराखण्ड

 

विषयः- होटल/ढाबा आदि व्यवसायिक संस्थानों पर पेय एवं खाद्य पदार्थों में थूकने (Spitting) के सम्बन्ध में।

 

विदित है कि वर्तमान में होटल ढाबा आदि व्यवसायिक संस्थानों पर पेय एवं खाद्य पदार्थों में थूकने की सम्बन्धित सोशल मीडिया में कतिपय घटनायें वायरल हो रही हैं। इस प्रकार की घटनाओं का सीधा सम्बन्ध स्वास्थ्य एवं खाद्य विभाग से है, किन्तु इन घटनाओं के फलस्वरूप कतिपय सामाजिक संगठनों द्वारा विरोध करने पर कानून व्यवस्था के दृष्टिगत पुलिस कार्यवाही भी आवश्यक हो जाती है। हाल ही में इस सम्बन्ध में जनपद देहरादून के थाना मसूरी क्षेत्रान्तर्गत घटित घटना पर नियमानुसार अभियोग पंजीकृत कर सम्बन्धित अभियुक्तों के विरूद्ध पुलिस द्वारा वैधानिक कार्यवाही की गई है।

 

वर्तमान में वायरल हो रही उपरोक्त घटनाओं के दृष्टिगत निम्नलिखित बिन्दुओं पर नियमानुसार कार्यवाही कराना सुनिश्चित करें-

 

1. होटल/ढाबा आदि व्यवसायिक संस्थानों में कार्यरत व्यक्तियों का शत-प्रतिशत सत्यापन किया जाये

 

2. इस प्रकार के व्यवसायिक संस्थानों में स्थित रसोईघरों में भी सीसीटीवी कैमरा लगाने हेतु व्यवसाय

 

प्रबन्धकों को प्रोत्साहित किया जाये।

 

3. खोखा/रेड़ी आदि खुले स्थानों में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने हेतु स्थानीय अभिसूचना इकाई की भी मदद ली जाये।

 

4. गश्त एवं पैट्रोलिंग के समय भी इसका विशेष ध्यान रखा जाये।

 

5. आवश्यकतानुसार स्वास्थ्य एवं खाद्य विभाग से सम्पर्क कर होटल, ढाबा आदि व्यवसायिक संस्थानों में

 

randomly चैकिंग की जाये।

 

6. इस प्रकार की अवैध गतिविधियां पाये जाने पर धारा 274 BNS एवं 81 उत्तराखण्ड पुलिस एक्ट के

 

अन्तर्गत अभियोग पंजीकरण किया जाये।

 

7. यदि प्रश्नगत कृत्य से धार्मिक, मूलवंशीय, भाषायी आदि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो तो नियमानुसार BNS की सुसंगत धारा 196 (1) (बी) अथवा 299 के अन्तर्गत भी कार्यवाही की जाये।

 

8. स्वास्थ्य एवं खाद्य विभाग, नगर निगम/जिला पंचायत, नगर परिषदों तथा स्थानीय व्यक्तियों से समन्वय कर जन-जागरूकता अभियान चलाया जाये।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed